एंजाइटी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है वर्कआउट
एक्सरसाइज यानी व्यायाम (Work out) से शारीरिक और मानसिक लाभ की बातें कई स्टडीज में सामने आ चुकी हैं. लेकिन अब एक हालिया स्टडी में पाया गया है कि एक्सरसाइज एंजाइटी (Anxiety) के लक्षणों को भी कम करने में सहायक है. स्टडी में कहा गया है कि एक्सरसाइज थोड़ा किया जाए या ज्यादा, दोनों ही स्थितियों में फायदेमंद होता है. यहां तक कि एंजाइटी के गंभीर मरीजों के लिए भी नियमित तौर पर एक्सरसाइज लाभकारी है. एंजाइटी (Anxiety) एक मानसिक समस्या (Mental Problem) है. इससे पीड़ित व्यक्ति बहुत चिंतित और व्यग्र (worried and anxious) रहता है. स्टडी के दौरान एंजाइटी के 286 मरीजों को शामिल किया गया था. इनकी औसत आयु 39 वर्ष थी और इनमें 70 प्रतिशत महिलाएं थीं. आधे मरीज ऐसे थे, जो कम से कम 10 साल से इस मानसिक समस्या (Mental Problem) का सामना कर रहे थे.
इस दौरान अलग-अलग ग्रुप्स में उन लोगों को 12 हफ्ते एक्सरसाइज करने को कहा गया. एक ग्रुप को पर्याप्त देखरेख में हल्की एक्सरसाइज और दूसरे को ज्यादा एक्सरसाइज कराए गए. इस दौरान उनकी दिल की धड़कनों और शरीर के अन्य मानकों को ध्यान में रखा गया. इस स्टडी के निष्कर्षों को जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स (Journal of Affective Disorders) में प्रकाशित किया गया है.
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एंजाइटी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है वर्कआउट व्यायाम इलाज का अच्छा रास्ता
पहले की कुछ स्टडीज में अवसाद (Depression) के मामले में भी एक्सरसाइज को कारगर पाया जा चुका है. हालांकि साइंटिस्ट इस प्रोसेस को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि एक्सरसाइज किस तरह से ऐसे लोगों को फायदा पहुंचाती है. अभी एंजाइटी के इलाज के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल होता है, उनके कई साइड इफेक्ट सामने आ चुके हैं. ऐसे में एक्सरसाइज के प्रभाव को समझते हुए उचित देखरेख में व्यायाम ऐसे लोगों के इलाज का अच्छा रास्ता हो सकता है.
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नया एंजाइम एक्सरसाइज से हेल्थ में लाता है सुधार
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी (Monash University) के रिसर्चर्स ने एक ऐसे एंजाइम (Enzymes) की खोज की है, जो एक्सरसाइज से हेल्थ में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाता है और एजिंग (बुढ़ापे) के असर से सुरक्षा प्रदान करता है. इस स्टडी की सबसे खास बात ये है कि इससे ऐसी दवाइयां बनाने का नया रास्ता खुलेगा, जो इस एंजाइम की एक्टिविटी बढ़ा सकेंगी. उससे डायबिटीज टाइप 2 समेत एजिंग संबंधी उपापचय (मेटाबोलिक) हेल्थ पर होने वाले असर से इम्यूनिटी में मदद मिलेगी. इस स्टडी का निष्कर्ष साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.
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